नौकरी तलाशने वाले युवाओं को केंद्र सरकार का बड़ा गिफ्ट, नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में कई अहम फैसले लिए गए.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती संस्था की है. अब यह संस्था कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन करेगी. (Image-Reuters)
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती संस्था की है. अब यह संस्था कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन करेगी. (Image-Reuters)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में कई अहम फैसले लिए गए. इनमें कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने के लिए 'राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी' (National Recruitment Agency) की स्थापना, गन्ने का दाम बढ़ाने, एविएशन सेक्टर और एमएसएमई सेक्टर के लिए तुरंत भुगतान की सुविधा जैसे फैसले प्रमुख हैं.
केंद्री मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के फैसलों से मीडिया को अवगत कराते हुए बताया कि युवाओं को अपना करियर बनाने के लिए बहुत सारी परीक्षाएं देनी होती हैं. देश में इस समय 20 रिक्रूटमेंट एजेंसियां हैं. कोई स्टूडेंट अगर 4-5 एंजेंसी के माध्यम से परिक्षाएं देता है तो उसे उतनी ही जगह जाना होता है.
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अब इस व्यवस्था को खत्म करके एक राष्ट्रीय भर्ती संस्था (National Recruitment Agency) की स्थापना की गई है. अब यह संस्था कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (Common Eligibility Test-CET) का आयोजन करेगी.
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उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले का देश के करोड़ों छात्रों को लाभ मिलेगा. यह एजेंसी तमाम क्षेत्रों की नौकरियों के लिए एक ही परिक्षा का आयोजन करेगी. इससे युवाओं की मेहनत और पैसा, दोनों की बचत होगी.
इन दिक्कतों से मिलेगी निजात
उन्होंने बताया कि हर एग्जाम का शड्यूल अलग-अलग होता था. इसके लिए एप्लीकेशन प्रोसेस भी अलग-अलग होता है. जब दो-तीन एग्जाम आयोजित किए जाते हैं तो कई बार उनमें गड़बड़ी होने की संभावना भी बढ़ जाती है. इसके अलावा अलग-अलग एग्जाम सेंटर होने से गांव-देहात के छात्रों, महिलाओं और दिव्यांगों को यात्रा करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दूर से आने वाले छात्रों का अन्य शहरों में रुकना पड़ता है.
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हर एग्जाम की फीस भी अलग-अलग होती है और उन्हें जमा करने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं. कई बार एग्जाम की तारीखें आपस में मिल जाती हैं. ऐसे में उम्मीदवार के सामने दिक्कत होती है कि वे कौन से एग्जाम में बैठें या कौन सा छोड़ें.
ज्यादातर एग्जाम का स्तर तो वही होता है लेकिन सभी की पढ़ाई अलग-अलग होती है.
03:51 PM IST